वास्तु शास्त्र में सुख-शांति, धन-धान्य की बढ़ोतरी के लिए अनेकों नियम और उपाय बताए गए हैं।

उत्तर या पूर्व में तुलसी का पौधा लगाएं।

शाम को घर में सांध्य दीप जलाएं। भगवान की प्रतिदिन सभी पहर में आरती करें।

मुख्य दरवाजा अन्य दरवाजों से बड़ा और भारी हो।

रसोई घर दक्षिण-पूर्व में, मास्टर बैडरूम दक्षिण-पश्चिम में, बच्चों का बैडरूम उत्तर-पश्चिम में और शौचालय का निर्माण दक्षिण दिशा में होना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के मुताबित, रात को किचन में झूठे बर्तन नहीं रखना चाहिए। रात को सोने से पहले रसोई घर को साफ करें। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।

बाथरूम में कभी भी खाली बाल्टी नहीं रखना चाहिए। बाथरूम में पानी से भरी एक बाल्टी जरूर रखें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। साथ ही बाकी बाल्टी को उल्टा करके रखें।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में हर एक चीज के लिए एक दिशा निर्धारित है। इसी तरह कूड़ेदान को कहीं भी नहीं रखना चाहिए। घर के बाहर या प्रवेश द्वार पर

कभी भी बिस्तर में बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी क्रोधित हो जाती है।