शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के होते हैं कई फायदे, यहां जानिए नियम

कुंवारी लड़कियां क्यों करती हैं भवान शिव की पूजा?

 इस साल शिवरात्रि का व्रत 18 फरवरी को रखा जाएगा. इस दिन कुंआरी लड़कियां अच्छे वर को पाने के लिए यह उपवास रखती हैं. जबकि विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं.

 कुछ लोग तो इस दिन रुद्राभिषेक भी कराते हैं. इनकी पूजा पाठ में किसी तरह की कोताही भारी नुकसान पहुंचा सकती है. आज हम भोलेनाथ को प्रिय बेलपत्र को कैसे चढ़ाएं

चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि को बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए.

बेलपत्र चढ़ाने के नियम

भगवान शिव को बेलपत्र हमेशा अनामिका, मध्यमा और अंगूठे की मदद से चढ़ाएं जाने चाहिए.

 बेलपत्र चढ़ाने से धन धान्य में वृद्धि होती है. जो महिलाएं बेलपत्र अर्पित करती हैं उनका वैवाहिक जीवन अच्छे से बीतता है.

आप भगवान शिव को बेलपत्र राम नाम लिखकर चढ़ाएं. अगर ताजा बेलपत्र उपलब्ध ना हो तो बासी ना चढ़ाएं.

 शिव जी को बेलपत्र चढ़ाने से पहले साफ पानी से धो लीजिए. संक्रांति और सोमवार को भी बेलपत्र तोड़ने से परहेज किया जाता है.

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम् त्रिजन्मपाप संहारं एक बिल्वं शिवार्पणम्

बेलपत्र चढ़ाने का मंत्र |