
-महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासक मौजूद
गांधीनगर। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को गांधीनगर के होटल लीला में पश्चिम जोनल काउंसिल की 26वीं बैठक शुरू हुई। काउंसिल की बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत गुजरात, गोवा, केन्द्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमण दीव के प्रशासक शामिल हुए हैं। राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, सलाहकारों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा केन्द्रीय गृह सचिव, अंतर राज्य परिषद के सचिव और केन्द्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए हैं।
पश्चिम जोनल काउंसिल की बैठक में राज्यों के बीच बुनियादी सुविधाएं, खनिज, जलापूर्ति, पर्यावरण, जंगल और राज्यों की पुन:संरचना समेत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी), टेलिक्यूनिकेशन/इंटरनेट के नेटवर्क विस्तार और सामान्य प्रादेशिक हित के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। राज्य पनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत वर्ष 1957 में देश में 5 जोनल काउंसिल की स्थापना की गई थी। केन्द्रीय गृह मंत्री इन पांचों जोनल काउंसिल के अध्यक्ष हैं। केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने राज्यों को सशक्त करने और केन्द्र व राज्यों के बीच नीतिगत संरचना पर बेहतर ढंग से आपसी समझ-बूझ को प्रोत्साहन देने के लिए सहकारी संघवाद के प्रयासों पर बल दिया है। साथ ही उन्होंने आपसी विवादों के निराकरण और सहकारी संघवाद को प्रोत्साहन देने के लिए जोनल काउंसिलल के उपयोग करने की पैरवी की।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
- यूनियन टेरेटरी में आने वाले गुजरात के गांवों के मार्जिन मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें मेघवाल, नागर, रायमल और मधुबन गांव का समावेश होता है। दीव दमण की टेरेटरी में आने वाली गुजरात की जमीन का दीव दमण में ट्रांसफर करने का मुद्दा।
- दीव दमण की टेरेटरी में आने वाली गुजरात की जमीन का दीव दमण में ट्रांसफर करने का मुद्दा।
- बैंकों के ब्रांच, पोस्टल बैंकिंग से जुड़ा तमाम विषय, आधार कार्ड और डीबीटी का मुद्दा।
- महिला विरोधी केस, बलात्कार और सैक्सुअल हैरेसमेंट मामलों की शीघ्र जांच।
- फास्टट्रैक कोर्ट में आने वाले केसों का शीघ्र संपादित करने।
- गुजरात से दीव भेजा जाने वाले पानी पर लगातार बढ़ रहे टैरिफ चार्ज।
- मोटर व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी।
- पीएसीएस अमलीकरण की स्थिति।
- आयुष्मान योजना।
- कुपोषण।
- स्कूल ड्रॉप आउट रेसियो।
- सभी राज्यों के प्रजेंटेशन।