
अहमदाबाद। आज मन की बात का 100वा एपिसोड आयोजित किया गया। 100वें एपिसोड में मन की बात में पीएम मोदी ने अपने गुरु वकील लक्ष्मणराव इनामदार को याद किया था। PM उनको याद करते हुए कहा कि मेरे मार्गदर्शक लक्ष्मणराव इमानदार थे। हम उन्हें वकील साहब कहते थे और वह हमेशा कहते थे कि हमें दूसरों के गुणों की हमेशा प्रशंसा करनी चाहिए। भले ही वह आपके साथ में हो या आप के विरोध में हो लेकिन उसके अच्छे गुणों से हमें सीखना चाहिए। उनकी इस बात ने मुझे हमेशा प्रेरणा दी है। उसी से मन की बात मेरे लिए दूसरों के गुणों से सीखने का एक अच्छा माध्यम बना है।

आइए जानते हैं कि कौन थे वो वकील साहब जो पीएम मोदी के लिए इतने पूजनीय है–
हर व्यक्ति के निर्माण में किसी न किसी का अहम योगदान होता है। और पीएम नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व विकास की बात करें तो जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री भी नहीं थे, तब उन्हें वकील साहब का साथ मिला था। बता दे वकील साहब वह व्यक्ति हैं जिन्होंने नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को आकार दिया। यह उस वक्त की बात है जब नरेंद्र मोदी वडनगर से अहमदाबाद आए थे। वे अहमदाबाद में बाबूमामा के घर रुके थे। बाबूमामा राज्य परिवहन कार्यालय में एक छोटी सी कैंटीन चलाते थे। कुछ समय तक उन्होंने मदद के लिए वहां मामा के यहां ही काम किया।

आपको बता दे वकील साहब ने तीन दशकों तक गुजरात में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का नेतृत्व किया और अतुलनीय योगदान दिया। जानकारी के अनुसार इससे पहले बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारों से प्रेरित होकर वड़नगर में नरेंद्र मोदी सात या आठ साल की उम्र में वकील साहब से मिले थे।

लेकिन लक्ष्मणराव इनामदार यानी वकील साहब और नरेंद्र मोदी करीब तब आए जब नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए, तभी शुरुआती वर्षों में वकील साहब ने उन्हें प्रशिक्षित किया। दरअसल, नरेंद्र मोदी वहा उनके मानस पुत्र बनकर रहते थे। और संघ कार्यालय में काम करते थे। इसके बाद दो साल हिमालय की यात्रा कर खुद की तलाश में लौटे नरेंद्र मोदी ने इस बार तय किया कि यही उनकी जगह है।

वकील साहब ने उन्हें हेडगेवार भवन में ठहरने की अनुमति दे दी। उसके अलावा वहां 12-15 और लोग रहते थे। इस दौरान उनकी दिनचर्या में सुबह पांच बजे उठना, दूध लाना, सबको जगाना और सुबह की मीटिंग में शामिल होना। सके बाद सबके लिए चाय-पानी बनाना। जिसके बाद वापस सभी आकर सबको नाश्ता परोसो। नाश्ते के बाद कमरे में झाड़ू लगाना, और उसे साफ करना। साथ ही अपने और वकील साहब के कपड़े धोने का काम भी करते थे। वे वहां किसी स्वयंसेवक के यहां दोपहर का खाना खाने जाते थे। वहाँ से लौटकर सबके लिए चाय बना कर इस प्रकार संघ का कार्य करते हुए पुरा दिन व्यतीत करते हैं। उनकी यह दिनचर्या करीब एक साल तक चलती रही।

इन सभी बातों का उल्लेख डॉ. एमवी कामथ द्वारा वर्ष 2009 में प्रकाशित पुस्तक ‘नरेंद्र मोदी आधुनिक गुजरात की शिल्पी’ में किया गया है। वकील साहब के साथ रहने के दौरान नरेंद्र मोदी संघ के कई लोगों के संपर्क में आए। उन्होंने वकील साहब के मार्गदर्शन में प्रचारक के रूप में काम किया। लक्ष्मणराव इनामदार यानी वकील साहब का संगठनात्मक कौशल में बड़ा योगदान है जो आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में देखने को मिल रहा है। जिसका जिक्र पीएम मोदी ने अपनी किताब ज्योतिपुंज में किया है।

वकील साहब को पढ़ने का शौक था। युवावस्था में उन्हें कबड्डी और खो-खो खेलने का शौक था। वकील साहब प्राणायाम से खुद को स्वस्थ रखते थे। उनका स्वभाव मिलनसार और सहज था। बता दे 15 जुलाई 1985 को वकील साहब का निधन हो गया।